सेल्फ-पोर्ट्रेट, मार्क शगाल Self-Portrait, Marc Chagall |
बिन बुलाए आया तुम्हारा ख्याल,
और रहा बहुत देर तक मेरे मन में.
मैं सोने चली गई,
सपनों में खूब देखा तुम्हें, खूब देखा.
उठी तो होंठों पर तुम्हारा ही नाम था,
नर्म, नमकीन, आँसुओं-सा,
उसके शब्दांशों का खनकता हुआ स्वर,
जैसे मंत्र फूंकता, जादू करता हुआ.
प्यार करना है जैसे एक जादुई नरक में जीना,
एक तीखी लपट उठती है तन में,
मन प्यासा-सा, दुबका हुआ,
शिकारी बाघ की तरह मारने को तैयार हो जाता है.
और इस जीवन में, जीवन से कहीं बृहद, सुन्दर,
तुम चले आए.
मैंने छुपा लिया खुद को अपने आम दिनों में,
दिनचर्या की ऊँची घास में, छलावरण वाले कमरों में.
तुम पसर गए मेरी निगाहों में, घूरते रहे मुझे
कभी किसी के चेहरे से, कभी बादलों के आकार से,
धरती को तरसते चाँद से, जो मुँह बाये मुझे देखता है
जब मैं खोलती हूँ बेडरूम का दरवाज़ा.
परदे हिलते हैं. जैसे एक उपहार,
एक छुआ जा सकने वाला स्वप्न,
देखो वो रहे तुम बिस्तर पर.
-- कैरल एन डफ्फी
कैरल एन डफ्फी ( Carol Ann Duffy )स्कॉट्लैंड की कवयित्री व नाटककार हैं. वे मैनचेस्टर मेट्रोपोलिटन युनिवेर्सिटी में समकालीन कविता की प्रोफ़ेसर हैं. 2009 में वे ब्रिटेन की पोएट लॉरीअट नियुक्त की गईं. वे पहली महिला व पहली स्कॉटिश पोएट लॉरीअट हैं. उनके स्वयं के कई कविता संकलन छ्प चुके हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों को सम्पादित भी किया है. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक सम्मान व अवार्ड मिल चुके हैं. सरल भाषा में लिखी उनकी कविताएँ अत्यंत लोकप्रिय हैं व स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी हैं. यह कविता उनके 2005 में छपे संकलन ' रैप्चर ' से है, जिसे टी एस एलीअट प्राइज़ मिला था.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
"प्यार करना है जैसे एक जादुई नरक में जीना,
जवाब देंहटाएंएक तीखी लपट उठती है तन में,
मन प्यासा-सा, दुबका हुआ,
शिकारी बाघ की तरह मारने को तैयार हो जाता है." बड़ी अर्थवान पंक्तियां हैं.
Shukriya,Sir
हटाएंRinu ji, aaj ja ke aapka blog dekh aur padh paya. Bahut achchha laga. Anuvad bhi utna hi sundar hai jitna ki kavitayen. meri MUBARAKBAD aur shubhkamnayen sweekar karein.
जवाब देंहटाएंAmitabh Srivastava, New Delhi
Shukriya, Amitabh ji. Agli baar aap jab aayenge to main samay nikalungi ki baith kar baatein ho paye.Is baar miss ho gaya. :-)
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