पोप्लर्ज़, विंड इफेक्ट, क्लोद मोने Poplars, Wind Effect, Claude Monet |
हवा हौले-से बजा रही है पेड़ों का गिटार.
कुछ नहीं है, कुछ भी तो नहीं.
एक शून्य है. जिसे शब्द कभी भर ही नहीं सकते.
और मैं सपना देखता हूँ, सपना.
और सपना कुछ और नहीं यथार्थ का बचपन है.
तो पूछो फिर अपने आप से, मुझ से मत पूछो --
क्षितिज और तुम्हारे बीच की रूकावट
केवल तुम्हारे मन में है.
मगर, यह लगभग तय है
कि कविता जादुई रूप से उभरती है
मानो आकाश से लटका हुआ कोई घर हो.
इस घर में रहता है एक शरणार्थी और उसका नाम है अर्थ.
-- अदुनिस
अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. अभी हाल-फिलहाल में, अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में ही उन्हें 2011 के गेटे ( Goethe) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं. यह कविता उनके संकलन ' प्रिंटर ऑफ़ द प्लेनेट्स बुक्स ' से है.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
बहुत सुन्दर अनुवाद है ...
जवाब देंहटाएंरीनू और कवि काअंतर यहाँ रहा ही नहीं .. ये तुम्हारी ही कृति है ..खूबसूरत .
Shukriya Aparna :-)
हटाएंकविता अच्छी है
जवाब देंहटाएंयह अंश विशेषरूप से दिलचस्प है-
कविता जादुई रूप से उभरती है
मानो आकाश से लटका हुआ कोई घर हो.
इस घर में रहता है एक शरणार्थी और उसका नाम है अर्थ.
Dhanyawaad :-)
हटाएंएक उम्दा कवि से परिचित कराने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंumda prastuti ... nishabd kar dene waali rachna ... aabhaar ...
जवाब देंहटाएं