लिटिल ट्री, ईगोन शीय्ले Little Tree, Egon Schiele |
एक छोटे गुलाबी पेड़
की पत्तियों को
धीमे से गिरते हुए, होगा वहाँ
सूर्य भी और निस्संदेह दूर कहीं
होगी एक बादल की अस्पष्ट-सी आकृति
जैसे कह रही हो कि अब बोझिल
नहीं है कुछ भी और तब ऐसा लगेगा
मानो दुःख की घड़ी थी कोई बात
पुरानी,
इतनी पुरानी कि किसी को याद तक नहीं.
-- क्लौद एस्तेबान
क्लौद एस्तेबान (Claude Esteban) एक फ्रेंच कवि , निबंधकार व अनुवादक थे। वे फ्रेंच व स्पेनिश दोनों भाषाओं में सिद्धहस्त थे। पिछली सदी के दूसरे हिस्से के प्रमुख कवियों में से एक, वे अपने पीछे महत्वपूर्ण कृति छोड़ गए हैं। उन्होंने कला व कविता पर असंख्य निबंध लिखे व स्पैनिश भाषा के प्रमुख कवियों ओक्टावियो पास, बोर्खेस, लोर्का इत्यादि की कविताओं व लेखन का अनुवाद किया। आरम्भ में वे फ्रेंच कला व साहित्य की पत्रिकाओं में लेख लिखते रहे। 1968 में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ --'ला सेजों देवास्ते '.इसके बाद उनके कई संकलन प्रकशित हुए, वे प्रसिद्द कलाकारों के लिए उनकी प्रदर्शनियों के कैटालोग के लिए प्रस्तावनाएँ लिखते रहे। स्पेनी कवि होर्खे गुइयें से उनकी अच्छी दोस्ती हो गई व उन्होंने उनके कृत्य का फ्रेंच में खूब अनुवाद किया। 1984 में उन्हें अपनी गद्य कविताओं के लिए मालार्मे पुरूस्कार प्राप्त हुआ। कला में उन्हें गहरी रूचि रही और 1991 में उन्हें एडवर्ड हापपर के चित्रों से प्रेरित कविता संकलन 'सोलई दौन्ज़ युन पीएस वीद ' के लिए फ्रांस कल्चर प्राइज़ प्राप्त हुआ। उनके 13 कविता संकलन, कई निबंध व अनेक अनुवाद प्रकाशित हुए,.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
किसी बात का दुःख वाष्प बन कर जीवन पर फ़ैल जाता है और उस बात को भूल जाने पर भी हमारे स्वभाव में रचा -बसा रहता है ...लेकिन कभी वह भी बीतता है ....बहुत सुन्दर कविता और अनुवाद !
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर...
जवाब देंहटाएंअनु
बढ़िया है आदरेया -
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-