शनिवार, सितंबर 10, 2011

कल रात मुझसे बारिश बोली

लैंडस्केप, पॉल गौगें
Landscape, Paul Gauguin

कल रात 
मुझसे 
बारिश
हौले-से बोली,

कितना आनंद है 
चपल बादल से इस तरह 
गिरते आने में,
धरती पर एक बार फिर 

नई तरह से 
उल्लासित होने में !
लोहे की महक लिए
यही कह रही थी वो,

गिरते-गिरते,
और फिर समुद्र के सपने की तरह 
टहनियों में
और नीचे घास में 

विलीन हो गयी.
फिर सब समाप्त हो गया.
आकाश साफ़ हो गया.
मैं एक पेड़ के नीचे

खड़ी थी.
वह पेड़ 
पुलकित पत्तों वाला पेड़ था,
और उस पल

मैं वही थी जो मैं हूँ,
और आकाश में तारे थे 
जो उस पल वही थे जो वे हैं 
जिस पल 

मेरे दाहिने हाथ ने 
मेरे बाएँ हाथ को पकड़ा हुआ था 
जिसने पेड़ को पकड़ा हुआ था 
जो तारों से और मंद-मंद 

बारिश से भरा हुआ था --
सोचो! सोचो!
उन लम्बी और आश्चर्यजनक 
यात्राओं के बारे में 
जो अभी बाकी हैं हमारी. 



-- मेरी ओलिवर 



Mary Oliver  मेरी ओलिवर ( Mary Oliver )एक अमरीकी कव्यित्री हैं, जो 60 के दशक से कविताये    कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. उनके 25 से अधिक कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं और बहुत सराहे गए हैं. उन्हें अमरीका के श्रेष्ठ सम्मान 'नेशनल बुक अवार्ड' व 'पुलित्ज़र प्राइज़' भी प्राप्त हो चुके हैं. उनकी कविताएँ प्रकृति की गुप-चुप गतिविधियों के बारे में हैं, जैसे वो धरती और आकाश के बीच खड़ीं सब देख रहीं हैं. और  उनकी कविताओं में उनका अकेलेपन  से प्यार, एक निरंतर आंतरिक एकालाप व स्त्री का प्रकृति से गहरा सम्बन्ध भी दिखाई देता है.

इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, सितंबर 08, 2011

शोकगीत

मैन, ड्राइंग और राइटिंग,
विन्सेंट वान गोग
Man, Drawing Or Writing,
Vincent Van Gogh

उस ने कलम नीचे रख दी.
वह बिना हिले वहां पड़ी है.
एक रिक्तता में 
पड़ी है वह बिना हिले.
उस ने कलम नीचे रख दी.

कितना कुछ है 
जो न लिखा जा सकता है न ही भीतर रखा जा सकता है!
कहीं बहुत दूर कुछ घटित हो रहा है 
जिस के कारण उसका शरीर तना हुआ है 
जबकि उसका विचित्र बैग एक दिल की तरह धड़क रहा है. 

बाहर, आधा बीत चुका वसंत.
पत्तों के घने गुच्छों से एक सीटी की आवाज़ -- लोग या पंछी?
और फूलते हुए चेरी के पेड़ घर लौटते भरी-भरकम ट्रकों को 
थपथपाते हैं.

कितने सप्ताह बीत जाते हैं.
धीरे-धीरे रात आती है.
दुनिया की भेजी नन्ही पीली टेलीग्रामों की तरह
पतंगे खिड़की के शीशे पर आ बैठते हैं.


-- तोमास त्रांसत्रोमर  



                               
तोमास त्रांसत्रोमर  ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए नामित भी किये गए हैं. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके अंग्रेजी में अनूदित संकलन ' द हाफ -फिनिश्ड हेवन ' से है.

इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद रोबेर्ट ब्लाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

मंगलवार, सितंबर 06, 2011

मैं तुम से प्यार करता हूँ

क्लाक विद ब्लू विन्ग्ज़, मार्क शगाल
Clock With Blue Wings, Marc Chagall



मैं हर दिन तुम से तीस साल प्यार करता हूँ
जब मैं अपने जीवन के साथ
दौड़ता हूँ यह दौड़
तुम्हारे लिए यह समय बहुत कम लगता है 
पल भागते जाते हैं 
और उनका पीछा करते 
ना जाने क्यों लगता है मुझे
कि मैं कुछ स्थापित कर रहा हूँ 
धरती की कोख में कुछ बो रहा हूँ 
ना जाने क्यों लगता है मुझे 
कि जब मैं तुमसे प्यार करता हूँ 
मानो अपने ही समय को परिवर्तित कर रहा हूँ.



-- निज़ार क़ब्बानी


 निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और नाओमी शिहाब नाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

रविवार, सितंबर 04, 2011

आकाश पर बादल छाये हुए हैं...

स्प्रिंग. व्हाइट लाइलैक्स, आइसाक लेवितान
Spring. White Lilacs, Isaac Levitan 

आकाश पर बादल छाये हुए हैं. 
गुनगुनी हवा कमीज़ के नीचे से 
अन्दर घुस आती है.
एक चितकबरी बिल्ली 
धीरे-धीरे सांझ की ओर बढ़ रही है.
सांझ धीरे-धीरे 
चितकबरी बिल्ली की ओर बढ़ रही है.
एक पड़ोसी की बीवी 
तार पर से कपड़े उतार रही है.
वह मुझे नहीं दिख रही,
मुझे केवल एक-एक करके 
गायब होते कपड़े दिखाई दे रहे हैं.
मुझे दिख रहे हैं सफ़ेद लाइलैक.
नर्गिस और कारनेशन.
और दूर नदी के दूसरे तट पर 
जगमगाती रोशनियाँ.
एक टेप रिकार्डर. एक रेडियो. 
एक फुदकी चिड़िया.
और बहुत बहुत सारी बुलबुलें.


-- यान काप्लिन्स्की

   

Author: Estonian Literary Magazine





यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शुक्रवार, सितंबर 02, 2011

मेरा प्यार दुःख नहीं है

द सोंग ऑफ़ लव,
जोरजो द कीरीको
The Song Of Love,
Giorgio de Chirico

" हर प्यार एक दुःख है " --
       या जैसा कि कुछ प्यार में पागल लोगों ने कहा है 
                                         " प्यार में सुख का होना एक भ्रम है "


मैं कुछ लेने के लिए नहीं इस तरह से प्यार करता --
मेरा प्यार कोई मुखौटा या झण्डा नहीं है 
जैसे एक झरना बह निकलता है 
जैसे सूरज जगमगाता है 
               मैं प्यार करता हूँ :           एक बाढ़             बिना उद्देश्य


मेरा प्यार भ्रम नहीं है
मेरा प्यार दुःख नहीं है       




-- अदुनिस




Adonis, Griffin Poetry Prize 2011 International Shortlist अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. अभी हाल-फिलहाल में, अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में ही उन्हें 2011 के  गेटे ( Goethe) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़

बुधवार, अगस्त 31, 2011

श्वेत स्वर

ऑटम, मोर्निंग मिस्ट , कमील पिस्सारो
Autumn, Morning Mist, Camille Pissarro

इस बरस पतझड़ जल्दी आया है 
अगस्त की इस आखिरी सुबह में 
धुंध छा जाती है घाटी पर 
देर-से खिले गुलाबों को धुंधला करती है
और गीले पत्तों की महक तैरती है
पूर्णिमा से एक दिन बाद की रोशनी में
यह जाने का समय है
प्रवासी पंछियों के छोटे-छोटे झुण्ड 
धागों की तरह उलझे हैं 
गाँव के पश्चिमी छोर के पेड़ों में 
और प्रतीक्षा कर रहे हैं 
कि कुछ उन्हें याद दिलाएगा 
यात्रा की
और उनकी अपनी राह की 
और जब धुंध छंटती है 
वे जा चुके होते हैं 
और उनके साथ ही गर्मियों के दिन
भी ओझल हो जाते हैं 
और यहाँ-वहां पत्तों ने
धूप के रंग ओढने शुरू कर दिए हैं 
उन्हें हमेशा हमेशा रखने के लिए 


-- डब्ल्यू एस मर्विन



W.S. Merwinडब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.यह कविता उनके संकलन 'द शैडो ऑफ़ सिरिअस ' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

सोमवार, अगस्त 29, 2011

जाने और ठहरने के बीच

आरयनतयी, लेट आफ्टरनून, क्लौद मोने
Argenteuil, Late Afternoon , Claude Monet

अपनी पारदर्शिता पर मोहित दिन 
झिझकता है जाने और ठहरने के बीच.
यह गोलाकार दोपहर अब एक घाटी है
जहाँ नि:शब्दता में दुनिया झूलती है.
सब प्रत्यक्ष है और सब पकड़ से बाहर,
सब पास है और छुआ नहीं जा सकता.
कागज़, किताब, पेंसिल, गिलास 
अपने-अपने नामों की छाँव में बैठे हैं.
मेरी धमनियों में धड़कता समय 
उसी न बदलने वाले रक्तिम शब्दांश 
को दोहराता है.
रोशनी बना देती है उदासीन दीवार को
प्रतिबिम्बों का एक अलौकिक मंच.
मैं स्वयं को एक आँख की पुतली में 
पाता हूँ, उसकी भावशून्य ताक में 
स्वयं को ही देखता हुआ.
वह पल बिखर जाता है. एकदम स्थिर, 
मैं ठहरता हूँ और जाता हूँ : मैं एक विराम हूँ.



-- ओक्तावियो पास 



  ओक्तावियो पास ( Octavio Paz )मेक्सिको के लेखक व कवि थे. वे कुछ साल भारत में मेक्सिको के राजदूत भी रहे. उनके लेखन पर मार्क्सवाद, स्यूरेयालीज्म, एग्ज़िस्टेन्शलिज़म के साथ हिन्दू व बौध धर्मों का भी बहुत प्रभाव रहा. उनकी कविताओं व निबंधों के असंख्य संकलन छपे हैं व अनेक भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है. सैम्युएल बेकेट, एलीजाबेथ बिशप, मार्क स्ट्रैंड जैसे जाने-माने कवियों-लेखकों ने उनके लेखन का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. सर्वंतेस प्राइज़ व 1990 के नोबेल पुरस्कार सहित उन्हें अनेक सम्मान मिले थे.
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद एलियट वाइनबर्गर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़